नई दिल्ली। पेटीएम ने कहा कि डिजिटल भुगतान में बड़े पैमाने पर उछाल आया है, क्योंकि कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं और वह घर से बाहर निकलने और नकदी को छूने से बच रहे हैं. पेटीएम के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, हम नियमित दिनों की तुलना में डिजिटल भुगतानों में 20 फीसदी की वृद्धि देख रहे हैं. फरवरी से पेटीएम ऐप पर जाने वाले उपयोगकर्ताओं और प्रति उपयोगकर्ता के लिहाज से सेशन की संख्या में भी वृद्धि हुई है.बयान में कहा गया है, ईंधन स्टेशनों व एक-दूसरों के बीच भुगतान जैसे दोहराए जाने वाले लेनदेन में भारी उछाल आया है. नकद के बजाय अधिक लोग पेटीएम को महत्व दे रहे हैं, इ स िल ए ऑफ लाइन भुगतान में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को बैंकों से डिजिटल भुगतान के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कहा था. औद्योगिक विशेषज्ञों के अनुसार कई डिजिटल भगतान कंपनियों के लेन-देन में गिरावट देखी गई है, क्योंकि देश में पिछले एक महीने में पेटीएम ने अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है. पेटीएम 1.6 करोड मजबत व्यापारी आधार (मर्चेट बेस) के साथ डिजिटल भुगतान के मामले में कहीं आगे है. नोएडा मुख्यालय वाली डिजिटल भुगतान फर्म अधिक से अधिक लोगों को भोजन, किराने व अन्य जरूरी सामान की डिलीवरी के लिए डिजिटल भुगतान सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि लोग नकदी को छूने से बचें. वहीं. भारतपे और पाइन लैब्स जैसे सेवा प्रदाताओं ने दुकानों, मॉल. भोजनालयों के बंद रहने के कारण लेनदेन में मंदी दर्ज की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (काह) ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की हैं. गाइडलाइन में कहा गया है कि सामान्य लोग पीडतिों से दर रहें और किसी भी ऐसी वस्तु को ना छएं, जिससे कोराना वायरस या किसी अन्य प्रकार का वायरस फैलने की आशंका हो. इस बीच कई विशेषज्ञों ने भी कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए नकद लेन-देन से जितना संभव हो, बचें. डब्ल्यूएचओ ने कॉन्टैक्टलेस भुगतान की सलाह दी है.
तो क्या नोट छूने से भी हो जाता है कोरोना, डिजिटल भुगतान में आया उछाल